June 20, 2025

अमर सिंह के बारे में कुछ पुरानी यादें

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HnExpress 1 अगस्त, सीताराम अग्रवाल, कोलकाता : अमर सिंह के बारे में कुछ पुरानी यादें— राज्यसभा सांसद अमर सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। लम्बी बीमारी के बाद आज (1 अगस्त 2020) सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। किसी जमाने में मुलायम सिंह यादव के बाद सपा में सबसे कद्दावर नेता। महानायक अमिताभ बच्चन को गर्दिश के दिनों में मदद करनेवाले तथा जयाप्रदा व जया बच्चन जैसी उच्च कोटि की अभिनेत्रियों को राजनीति में लाकर संसद तक पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अमर सिंह ने यह मुकाम कितना संघर्ष करके तथा कितनी विषम परिस्थितियों से गुजरने के बाद पाया है, इसकी छोटी सी झलकी दिखाता हूं।

ये बातें 1975 के बाद के कुछ वर्षों की हैं। कोलकाता के बड़ाबाजार में अमर सिंह के पिताजी की ताले की दुकान थी। लेकिन इनका मन दुकान में नही लगता था। ये कांग्रेस के छोटे-मोटे जुलूसों में जाया करते थे, एवं इस बारे में प्रेस विज्ञप्तियां लेकर सन्मार्ग में आया करते थे। ये उस छापने के लिये अनुनय-विनय किया करते थे। उस समय समाचार सम्पादक श्रद्धेय तारकेश्वर पाठक (अब स्वर्गीय ) हुआ करते थे। उनकी मेज के सामने कई बार अमर सिंह को अपनी बारी आने के इंतजार में खड़े होते देखा है।

इसके बाद रमाकान्त उपाध्याय (अब स्वर्गीय ) समाचार सम्पादक हुये। वे पान बहुत खाते थे। उनकी एक आदत थी कि जिन विज्ञप्तियों को उन्हें छापना नहीँ होता था, वे कभी-कभी लाने वाले के सामने ही उससे मुंह पोंछकर उसे कूड़ेदान में फेंक देते थे। अमर सिंह भी कईं बार उपाध्यायजी की इस आदत के शिकार हो चुके थे। श्री सिंह सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया करते थे। उसके समाचार भी लाया करते थे। इनके साथ श्याम सुन्दर पोद्दार भी आया करते थे।

कभी आर्थिक तंगी (व्यक्तिगत तौर पर) के शिकार रहे अमर सिंह पर जब लक्ष्मी की कृपा हुई तो देश-विदेश में खुले दिल से करोड़ों का दान दिया। उतार- चढ़ाव के दौर से गुजरी यह शख्सियत अब हमारे बीच नहीं रही। एक अभाव सा खलता है। मैं उन्हे नमन करते हुए अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं । भगवान उनकीं आत्मा को शांति प्रदान करे एव॔ परिवार को धैर्य धारण करने की शक्ति दे।

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