राजभवन व तृणमूल में जोरदार टकराव

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HnExpress सीताराम अग्रवाल, कोलकाता : विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में मृत व्यक्तियों के परिवार वालों को लेकर भाजपा आज अपराह्न जिस तरह से जुलूस के रूप में उन्हें राज्यपाल के समक्ष उनके दुखड़ा सुनाने ले गयी, उससे सत्तारूढ़ तृणमूल की भृकुटि तन गयी है। इस घटना के बाद राज्यपाल जगदीश धनकड़ तथा राज्य सरकार व टीएमसी के बीच चल रहा टकराव और गहरा होने की आशंका है।

ज्ञातव्य है कि राज्य भाजपा के अध्यक्ष डा. सुकांत मजूमदार, विधानसभा में विरोधी दल नेता शुभेन्दु अधिकारी, ममता के खिलाफ चुनाव लड़नेवाली व कई हिंसा पीड़ितों को कानूनी सहायता करनेवाली एडवोकेट प्रियंका टिबड़ेवाल सहित कई भाजपा नेता करीब 70 पीड़ित परिवारों को लेकर राजभवन गये। उल्लेखनीय है कि राजभवन के इर्द-गिर्द 144 धारा लगी रहती है, जहां से जुलूस के रूप में भवन परिसर में प्रवेश नहीँ किया जा सकता। पर आज बिना रोक-टोक के इतनी संख्या में लोग गये। यह अभूतपूर्व घटना है।



बताया जाता है कि ऐसा राज्यपाल की सम्मति से हुआ। उनका कहना था कि ऐसा करना उनकी संवैधानिक जिम्मेवारी है। श्री धनकड़ ने पहले भाजपा नेताओं से स्मारक लिपि ली तथा इसके बाद अनेक परिवारों से उनकी व्यथा सुनी। उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक ओर जहां रामपुर कांड में पीड़ितो को तत्काल सहायता दे दी गयी, वहीं दूसरी ओर इन परिवारों पर ध्यान नहीं देना, भेदभाव के आरोप को बल देता है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि स्मारक लिपि का अध्ययन कर पीड़ितों की मांगों को लेकर समुचित कदम उठायेंगे। उधर तृणमूल बेहद खफा है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्यपाल ने राजभवन को राज्य भाजपा के लिए नाट्य मंच बना दिया। उन्होंने कहा कि काशीपुर कांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चेहरा बेनकाब होने के कारण भाजपा ने ऐसा किया है।

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