भक्ति भाव से पूजन हुआ गौ माताओं का

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HnExpress 23 नवम्बर, सीताराम अग्रवाल, कोलकाता : कोलकाता पिंजरापोल सोसाइटी की देख रेख में प्रति वर्ष की भांति इस बार भी गोपाष्टमी के पावन अवसर पर बिता कल गो माताओं के पूजन के साथ अन्यान्य धार्मिक कृत्य सम्पन्न हुए। उल्लेखनीय है कि 136 वर्ष पुरानी यह संस्था सोदपुर व लिलुआ सहित कई स्थानों पर गोशालाएं चला रही हैं, जहां हजारों गो माताओं का भरण-पोषण किया जाता है।

वैसे इस बार कोरोना को फैलने से रोकने के लिये परम्परागत कार्यक्रमों में कई तरह के फेर-बदल किये गये। इस बार न तो उद्घाटन समारोह आयोजित किये गये और ना ही गोशाला परिसरों में खान-पान के स्टाल लगाये गये। इसके अलावा महानगर के विभिन्न स्थानों से गो भक्तों को सोदपुर व लिलुआ ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था भी इस बार नहीं की गयी थी।

कोलकाता महानगर, हावड़ा सहित उपनगरों के विभिन्न स्थानों पर करीब 65 स्थानों पर गो सेवा शिविर लगा कर गो पूजन की व्यवस्था की गयी थी। इस प्रकार भले ही कोरोना की वजह से काफी सतर्कता बरती गयी हो, पर गो-भक्तों के उत्साह में कमी नहीं थी। सोदपुर में सोसाइटी के एक पदाधिकारी ने दावा किया कि काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर गो माता की पूजा-अर्चना की।

ज्ञातव्य है कि गाय हर तरह से मानव जीवन के लिए उपकारी है। इसका गोबर, मूत्र, दूध वगैरह हमारे जीवन का आधार है। गाय के गोबर से खाद बनती है। घर में इसके लेपन से गर्मी में ज्यादा गर्मी तथा ठंड में ज्यादा ठंडी नहीं लगती। गोबर से घर लेटने से कीड़े-कीड़े व सांस्कृतिक बिच्छू नहीं आते। पूरे विश्व में वैज्ञानिकों ने भी गाय को काफी उपयोगी बताया है।

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