एक गलत दाव ने किरकिरी कर दी गहलोत की

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HnExpress सीताराम अग्रवाल, कोलकाता : आप लोगों ने ”कौन बनेगा करोड़पति” देखते होंगे। उसमें एक करोड़ रुपये का 15वें सवाल का गलत उत्तर देने पर 50 लाख रुपये जीत रहा खिलाड़ी सिर्फ 3 लाख 20 हजार रुपये लेकर जाता है। कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का हुआ है।



कांग्रेस हाईकमान के सबसे चहेते गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल रहा था, पर उनके एक मोह ने रातों रात स्थिति बदल दी और वह मोह है मुख्यमंत्री पद का। हाईकमान चाहता था कि मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट को बिठा दिया जाय, पर गहलोत को यह कतई मंजूर नहीं था।



वे चाहते थे कि या तो अध्यक्ष पद का चुनाव होने तक वे मुख्यमंत्री पद पर भी बने रहे। पर राहुल गाँधी ने एक व्यक्ति एक पद वाली बात कह कर उनके इस मंसूबे पर पानी फेर दिया। इसके बाद गहलोत ने अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री पद की कमान अपने हाथ में रखने के मोह के चलते तथा किसी भी तरह सचिन को इस पद पर न बैठने देने के लिए एक चाल चली।



सीधे तो नहीं पर प्रकारान्तर से अपने गुट के विधायकों के जरिए यह शर्त रखवा दी कि वे सचिन या उनके गुट के किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर उसे नहीं मानेंगे। यही नहीं इन विधायकों ने हाईकमान के पर्यवेक्षकों से मुलाकात न कर अलग से बैठक कर दवाब बढ़ाने के विधानसभाध्यक्ष के पास जाकर अपने इस्तीफे सौंप दिये। इनकी संख्या 92 (या 82) थी।



इस कदम से हाईकमान इतना नाराज हुआ कि न इन्हें अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का संकेत मिला बल्कि इनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी भी खतरे में पड़ गयी। हालांकि दिल्ली जाकर गहलोत ने सोनिया को काफी स्पष्टीकरण देने की कोशिश की, पर कोई फल नहीं निकला।


यही कारण है कि मुलाकात के बाद बाहर आकर स्वयं गहलोत को पत्रकारों के समक्ष यह घोषणा करनी पड़ी कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, वे उसे मानेंगे। इस प्रकार ये जादूगर जो हाईकमान की आंखों का तारा था, सिर्फ एक गलत खेल ने आंख की किरकिरी बना दिया।



अब अगर कुछ अन्य कारणों से हाईकमान इन्हें मुख्यमंत्री पद पर फिलहाल बने रहने भी दे तो भी इनके सर पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी। वैसे राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता, हालात कभी भी बदल सकते हैं पर फिलहाल ये पार्टी के सर्वोच्च पद पर जाते-जाते रह गये और अपने वर्तमान पद को भी गंवाने के कगार पर हैं।

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