बोलेंगे माई, करेंगे कमाई, तो गंगा निर्मल कैसे होगी-राजेंद्र सिंह

HnExpress कोलकाता, 9 जनवरी, सीताराम अग्रवाल : जलपुरूष के नाम से प्रसिद्ध डा. राजेंद्र सिंह ने आज जोरदार कटाक्ष करते हुए कहा कि गंगा को लोग माई तो कहतें हैं, पर मैया की तरह संरक्षण नहीं करके उसको कमाई का साधन बना दिया है। यही नहीं यह कमाई गंगा के पुत्र-पुत्रियों के लिए नहीं बल्कि उद्योगपतियों के लिए है। श्री सिंह गंगा सद्भावना यात्रा के सिलसिले में प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि गत 30 सितम्बर को गोमुख से शुरू हुई इस यात्रा का समापन 12 जनवरी को गंगासागर में होगा। यात्रा के दौरान अनुभव के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में श्री सिंह ने कहा कि अपेक्षित जनजागरण दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि गंगा किसी जाति, धर्म और समाज की नहीं बल्कि मानव मात्र की है। अत: इसमें बढ़ रहे प्रदूषण, अतिक्रमण जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सबको प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि गंगा को लेकर शीघ्र ही श्वेत पत्र लाया जायेगा। प. बंगाल में इस यात्रा का नेतृत्व करने वाली डा. स्नेहल भोंडे ने विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला।

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