बस्तियों के बच्चों को पूजा उपहार
HnExpress 18 अक्तूबर, सीताराम अग्रवाल, कोलकाता : कोरोना ने पिछले करीब 7 महीने से अच्छे-अच्छों की कमर तोड़ दी है। ऐसे में दुर्गापूजा का त्यौहार आ गया है, जो बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है। हर वर्ष सभी को विशेष रूप से बच्चों को यह आस रहती है कि उन्हैं नये-नये कपड़े मिलेंगे, जिसे पहन कर वे आनन्द उठायेंगे। पर बस्तियों और फुटपाथ पर रहनेवाले बच्चों की सुधि कौन ले।
अभिभावक वैसे ही हमेशा किल्लत में रहते हैं और इस बार तो कोरोना ने कोढ़ में खाज का काम किया है। कइयों ने रोजगार खो दिया है तो कइयों ने नौकरी खो दी है। ऐसे में आशा की किरण दिखाई है परिवार नामक स्वयंसेवी संस्था ने। बिजन बनर्जी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत परिवार संस्था की ओर से आज सिंथी थाना तथा काशीपुर पुलिस लाइन परिसरों में बस्तियों के बच्चों को जलपान के साथ नये वस्त्र दिये गये।
ज्ञातव्य है कि सन् 2005 में बनी यह संस्था पिछ्ले कई वर्षों से फुटपाथी व बस्तियों के बच्चों के बीच प्रति वर्ष नये वस्त्र व अन्य सहायता देती आयी है। इस बार भी नवदिशा कोलकाता पुलिस सेन्टर के विभिन्न 9 केन्द्रों पर ड्रेस वितरण की व्यवस्था की गई है। आज के कार्यक्रम में संस्था की संयुक्त सचिव नीला त्यागी, प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर मोनिका बोस के साथ संगीता घोष व गीता देवनाथ (दोनों शिक्षिकाएं) की भूमिका सराहनीय रही।